Sunday, 17 February 2019

" 22 वीं वर्षगांठ मनेगी मंच GBSEPM की "

विषय :- " 22 वीं वर्षगांठ मनेगी मंच GBSEPM की "


To,                                                                                                            15-02-2019
      सम्मानीय माननीयो, ग्राहको, साथियो व पत्रकार बन्धुओ भारत

विषय :- " 22 वी वर्षगांठ मनेगी GBSEPM मंच की "

आगरा 28 फरवरी 2019 को  GBSEPM मंच " ग्रामीण बैंक स्वाधीनता एवं प्रतिरक्षा मंच " की 22 वी वर्ष गांठ सादगी व ईमानदारी से मनायी जाने की सूचना संयोजक हरीशंकर शर्मा ने दी

+भ्रष्टाचार स्थानांतरणों में         +
+ भ्रष्टाचार  प्रमोशन में             +
+ भ्रष्टाचार  ऋण वितरण में       +
+ भ्रष्टाचार  RO और शाखाऔं में +

भ्रष्टाचार के
4
चरण

ईमानदारी का अभाव हमारी भारत की ग्रामीण बैंकों में रहा ,माननीय स्वर्गीय इन्द्रागांधी जी कांग्रेस प्रधानमंत्री का सपना ग्रामीण विकास पूरा करने के उद्देश्य से सन् 1974 से ग्रामीण बैंको की स्थापना का चलन शुरु किया गया जो आज विशाल ग्रामीण उपक्रम बन गया है लेकिन भ्रष्टाचारी आज भी भ्रष्टाचार कर रहे है यह शर्मनाक है भरपूर बराबर का वेतन मान फिर भी भ्रष्टाचारी सोच हे राम

भ्रष्टाचार जनक पद है:
Å   BOARD OF DIRECTORS में केन्द्र सरकार के 2 जन प्रतिनिधि पक्के भ्रष्टाचारी रहे,
Å   प्रवर्तक बैंक का स्टाफ, जो चेयरमेंन, जनरल मैनेजर या अधिकारी बन कर ग्रामीण बैंकों में डेपूटेशन पर आया ।
Å   नाबार्ड उप- महाप्रबंधक यानी BOARD सदस्य, भरपूर लाहपरवाह और ईमानदारी से दूर रहे।
Å   मुख्य विकास अधिकारी यानी BOARD सदस्य ने रुचि नही ली, और ईमानदारी से दूर रहे।
Å   ग्रामीण बैंक कर्मचारी और अधिकारी संगठन केवल भ्रष्ट अफसरों का पक्ष लेते रहे ईमानदारी से काम नही किया । परिणाम शाखाऔं में रिश्वत का बंटवारा इस प्रकार सन् 1986 में होता था, मेनेजर 50% , अफसर 25%, बाबू 15% , चपरासी 10% , पूरा 10% हिस्सा लिया जाता था , वाह रिश्वत 
Å   सरकारी योजनाऔं- अनुदान योजनाऔं SCP - IRDP- स्कीम में                   
मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय-                         
 खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय -                      
पशु-डाक्टर ब्लाक स्तर पर -
लोकल दलाल आदि

50% अनुदान रिश्वत हेतु

50% अनुदान लाभार्थी के लिये


Å   सन् 1994 में जब प्रशिक्षण के दौरान हरीशंकर शर्मा ने बैंकिंग कृषि महाविद्यालय- पूणे, महाराष्ट्र समक्ष अधिकारी गण भारतीय रिर्जव बैंक के संज्ञान में लायी तब IRDP स्कीम समाप्त कर भ्रष्टाचार पर प्रहार किया । जब स्थानांतरण नीति की बात कही तब 10 वर्षो से प्रधान कार्यालय में जमे प्रबन्धक हटाये गये और हरीशंकर शर्मा का विरोध चरम तक चला गया ।
Å   सन् 2013 सर्वोेच्य न्यायालय नई दिल्ली भारत में स्थानांतरण नीति पर हरीशंकर शर्मा बनाम आर्यवर्त ग्रामीण बैंक लखनऊ UP बहस के दौरान दो पीठ वाली बेंच यानी 2 जज साहब, यह बर्दाश नही कर पाये कि ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यवर्त के पास स्थानांतरण नीति नही है आज भी स्केल I , II, III प्रमेशन पाकर भी आगरा जिले से बाहर नही भेजे, जबकी यह भ्रष्टाचार का पक्का सबूत था और आज भी है, आज RM  भी घर के पास तैनात है ।
Å   ऋण वितरण में ईमानदारी होना ही सच्चा ग्रामीण विकास है ऋण माफी में भ्रष्टाचारी नही माने, नोट बन्दी में भ्रष्टाचार किया , मतलब फर्जी अवकास प्रथा, स्तर में बढ़ोतरी को भ्रष्टाचार माध्यम बनाया गया ।
Å   किसानों को ऋणी बनाकर, घूस खाकर ग्रामीण बैंक कर्मचारी क्या ईमानदार हैं, नही भई नही GBSEPM मंच यही बात सन् 1998 फरवरी 28 से लगातार समझा रहा है और इस नेक काम की कोई फीस, चन्दा नही लिया जाता है ।  
                                क्षेत्रीय कार्यालयों पर कमीशन दलाली प्रथा आज भी चल रही है , स्टेशनरी, फर्नीचर, ऋण वितरण में कमीशन, अन्य क्रय उत्पाद दलाली का माध्यम बना लिये गये है ।

भ्रष्टाचार रोकने  के उपाय :---
Å   भारतीय ग्रामीण बैंको की स्थापना की जाय और नाबार्ड को BOARD बनाया जाय,
Å   ग्रामीण बैंक अधिकारी सहायक महाप्रबन्धक तक तैनात हों ,
Å   एक प्रधान कार्यालय, जोनल क्षेत्रीय कार्यालय बनायें,
Å   पारदर्शी स्थानांतरण, प्रमोशन, ऋण वितरण नीतियां बनायी जाय 
Å   " जय जवान जय किसान " को आधार बना कर ग्रामीण बैंकों का वेतन मान जवानों के बराबर यानी 7 वां वेतन मान लागू किया जाय । 
Å   किसानों का ऋण वितरण ईमानदारी से किया जाय ।
Å   घूस खोरी राष्ट्र-द्रोह मानी जाय ।
Å   ग्रामीण बैंक शाखायें प्रति 3000 जनसंख्या व्यस्क पर खोली जाय ।
Å   विदेशी व्यापार आयात- निर्यात , ट्रेजरी काम, विदेशी मुद्र विनियम काम ग्रामीण बैंक ही करें।
Å   छोटे- किसानों और गरीब किसानो की कृषि उपज भूमि सरकार 36 माह पट्टे पर ली जाय और सरकारी खेती व्यवसाय किया जाय रोजगार बढ़ाया जाय निश्चित आय प्रतिवर्ष किसान परिवार को दी जाय ।
Å   शिक्षा ऋण 10 लाख तक 5% ब्याज पर 15 वर्ष तक जारी हो ।
Å   पशु- पालन व्यवसाय का विस्तार किया जाय प्रतियूनिट 200 से 500 भैंस डेरी योजना जारी की जाय ।
Å   स्वयं सहायता समूह में एक नारी एक पद की नीति कड़ाई से पालन की जाय ।
Å   अनावश्यक समूह महिला, भ्रमण खर्च पर लगाम लगायी जाय ।
Å   समूह का वार्षिक AUDIT कराया जाय ।
Å   ग्रामीण बैंकों में रिटायरमेंण्ट समय 62 वर्ष तक किया जाय।
Å   स्टाफ भवन ऋणों पर ली गयी चक्रवृत्ति ब्याज वापस ली जाय, भारत सरकार नीति भवन पर साधारण ब्याज का आदेश दे रही है 
Å   स्टाफ ग्रेच्युटी कर्मचारी / अधिकारी आयुसीमा 55 वर्ष बाद  50% शादी- विवाह हेतु निकासी का पात्र माना जाय।
Å   50% ग्रेच्युटी रिटायरमेंण्ट पर जारी की जाय ।
Å   ग्रामीण बैंक अधिकारी + कर्मचारी कुल परिवार 3 मां+ पिता +1 बच्चा कुल 3 नस बन्दी होने पर एक INCREMENT पूरी नौकरी तक अलग से दिया जाय ।
Å   आर्थिक आरक्षण 10% में ग्रामीण बैंक कर्मचारी और अधिकारी के बच्चे 18 वर्ष या 21 वर्ष पूर्ण होने पर उनकी आय और सम्पत्ति गणना अलग से की जाय , परिवार का मतलब मां + पिता +18 वर्ष से कम आयु के बच्चे ही माने जाय ।
Å   चुनाव पूर्ण होने के बाद मशीन जमा करते वक्त चपरासी स्तर के लोग मंडी समिति में डयूटी पर लगा कर बैंकर्स का उत्पीड़न करते है , चुनाव आयोग सक्षम व योग्य अधिकारी मशीन जमा करते समय तैनात करे और स्पष्ट किया जाय कि कौन सा प्रमाण पत्र चाहिये ? , हठ धर्मी, मनमानी बन्द की जाय ।
Å   बडे किसानों, फार्म हाउस, अभिनेता, नेता, आयकर दाता सरकारी कर्मचारी जो कृषि उपज भूमि के मालिक हैं, ऋण माफी योजना में अपात्र घोषित किये जाय।
Å   अंगूठा छाप ग्राहकों को ATM जारी कर करोड़ो की हानि की गयी भारत सरकार विवेक का प्रयोग करे ।
Å   बैंक मित्रों का चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा और मेरिट के आधार पर ही होना चाहिये ।
Å   कृषि ऋणो की ब्याज दर 3% 5 लाख निर्धारित की जाय ।
Å   टीचर्स ऋण NET वेतन के 75% तक देने की सीमा की जाय ।
Å   राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक की अधिकृत पूंजी भारत सरकार 60% नाबार्ड 40% तय की जाय ।
Å   भारतीय कम्पनी ACT में बदलाव किया जाय दिवालिया की स्थति 36 माह पहले ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्ट की जाय ।
Å   निजी कम्पनी द्वारा 7 वे वेतनमान लागू करने पर दी जाने वाली पगार कुल आय से घटाकर  कर-योग्य मानी जाय सरकार सोचे ।
Å   5 वर्ष बाद संचित रिजर्व फण्ड का बंटवारा अंशधारियों व स्टाफ पर खर्च ना होने की दशा में कुल आय में जोड़कर टैक्स लगाया जाय ।
Å   कम्पनी स्थापना चलन सरल बनाया जाय और ऋण वितरण आसान बनाया जाय ।
सधन्यवाद ‍!
भवदीय 
हरीशंकर शर्मा 
GBSEPM मंच संयोजक 

जय भारत माँ 









" जमा रकम ₹ 108933.79 का सहकारी आवास और मीलास्को सहकारी आवास समिति द्वारा गबन मामला "

विषय :-" जमा रकम ₹ 108933.79 का सहकारी आवास और मीलास्को सहकारी आवास समिति द्वारा गबन मामला " दिनांक 02-08-2024 पत्रांक GBSEPM/AGUP...