अन्तर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार भगाओ ईमानदारी बुलाओ बैचारिक परिषद (I+B+B+I+B+B+P): भाजपा शासन में मनमानी 23 फरवरी 2018:
IBBIBBP भाजपा शासन में मनमानी 23 फरवरी 2018.PDF
स्थापित -- 28 फरवरी 1998; संयोजक - श्री हरीशंकर शर्मा ; कार्यालय- एम.आई.जी. -464 सैक्टर-10, आवास विकास कॉलोनी,सिकन्दरा आगरा-07 (ऊ प्र)
Friday, 23 February 2018
Sunday, 11 February 2018
21 वी वर्ष गांठ GBSEPM
प्रिय माननीयो,
महामहिम
राष्ट्रपति महोदय भारत गणतंत्र, व
माननीय
वित्तमंत्री भाजपा केन्द्र सरकार, व
समस्त
चेयरमेन सरकारी व निजी बैंक व
समस्त
कार्मिक व अधिकारी बैंकिग जगत व
समस्त पत्रकार जगत भारत व
ग्रामीण
समाज व सम्मानीय ग्राहक समाज
विषय :- “21 वीं वर्ष गांठ GBSEPM“
ग्रामीण बैंक स्वाधीनता एवं प्रतिरक्षा मंच GBSEPM की स्थापना दिनांक 28 फरवरी 1998 को हरीशंकर शर्मा मंच संयोजक द्वारा की
गयी ताकि ग्रामीण जगत से भ्रष्टाचार भगाया जा सके ,
दिनांक 28 फरवरी 2018 को सादगी से 21 वी वर्ष गांठ दीप जलाकर मनायी जाय,
ताकि ईमानदारी की ज्योति गाँव- दर गाँव स्थान पा सके,
प्यारो, माननीयों, इस पुनीत काम से साथी दूर भाग गये लेकिन
ईमानदारों का भरपूर साथ मिला तब 20 वर्ष व्यतीत हो गये,
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सन् 1986 में ग्रामीण समाज और ग्रामीण
बैकों में पर्याप्त भ्रष्टाचार पाया जहाँ रिश्वत चलन भारत की राष्टीयकृत बैंकों के
शीर्ष अधिकारी ग्रामीण बैंकों में खूब लूट-मार भ्रष्टाचार कर रहे थे, शाखाओ में
चपरासी से प्रबन्धक तक रिश्वत का बंटवारा किया जाता था, दलाली चरम पर थी,
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सन् 1990 भ्रष्टाचारियों का कहर हरिशंकर
शर्मा पर डाला लेकिन ईमानदारी जीत गयी तब से इस संग्राम में मजबूती आ गयी ।
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सन् 1994-95 बैकिंग कृषि महाविघालय पुणे,
में रिजर्व बैंक शीर्ष अधिकारियों को ग्रामीण बैंको में चल रहे भ्रष्टाचार के
साक्ष्य ट्रेनिंग के दौरान हरीशंकर शर्मा प्रबन्धक द्वारा दिये, परिणाम स्वरुप IRDP योजना बन्द भारत सरकार को करनी पडी और भ्रष्टाचार पर ध्यान जमाया । प्रधान
कार्यालय जमुना ग्रामीण बैंक आगरा में 10 वर्षो से जमें प्रबन्धकों का ट्रान्सफर
करवाया और स्थानांतरण नीति लागू करवायी ।
परिणाम स्वरुप NOBO & BMS संगठन
हरीशंकर शर्मा का बैरी बन गया और उत्पीडन
आज तक जारी है,
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सन् 1996- हरीशंकर शर्मा का सगा भाई
श्री B.L. शर्मा आयकर निरीक्षक भ्रष्टाचार का
पूर्ण समर्थक शत्रु बनकर सामने आ गया, भवन 8/88 भोगीपुरा शाहगंज आगरा से ईमानदारी का
बोर्ड हटा, बन्द कर ईमानदारी, माँ+पिता ने भी B.L. शर्मा का
साथ दिया, परिणाम स्वरुप भोगीपुरा से ईमानदारी कार्यालय- MIG 464 सेक्टर- 10 आवास विकास कॉलोनी
सिकन्दरा आगरा पर स्थापित करना पड़ा , दिनांक 28-10-1996
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सन् 1997- 5 अगस्त दिन मंगलवार षणयंत्र
रचकर जीप दुर्घटना करवायी एक बार तो हरीशंकर शर्मा स्वर्ग चला ही गया लेकिन दुबारा
प्रभू जी ने वापस भेज दिया, 2 अधिकारी मर गये, [NOBO-RSS-BMS-भाजपा ] ने हरीशंकर शर्मा को जीप दुर्घटना में घायल नही माना आरोप पत्र
91/98 व 431/98 जारी कर नौकरी से बाहर करने का प्रयास किया, तब महामहिम K.R.नारायन राष्ट्रपति भारत ने जाँच का आदेश दिया । ईमानदारी जीत गई
भ्रष्टाचारी मुंह की खा गये, आगरा न्यायालय ने MAC 891/99
में हरीशंकर शर्मा को मुआवजा दिया, सच जीत गया BOARD OF DIRECTOR भ्रष्टाचारी व झूठा साबित हो गया, वाह उत्पीडन, वाह ईमानदारी वाह मंच।
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सन् 2011- भ्रष्टाचारियों ने भवन MIG 464 सेक्टर 10 आवास विकास कॉलोनी सिकन्दरा आगरा पर नीलामी नोटिस ₹ 5 लाख
मनमानी जारी किया जबकी उ.प्र. आवास- वित्त निगम लि. लखनऊ के पास भवन की रजिष्ट्री
तक बन्धक नही है नाही पर्याप्त साक्ष्य परिणाम स्वरुप उच्च न्यायालय इलाहबाद में
बाद संख्या 34856 OF 2011 चल रहा है स्टे जारी है, सच का सच
ईमानदारी की जीत होगी ।
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भ्रष्टाचारी केनरा बैंक शीर्ष अधिकारी Sh. P.V. महागाँवकर चेयमेन जमुना ग्रामीण बैंक आगरा को उनकी चरित्रहीनता व स्टाफ
नारी शोषड़ की सजा भी हरीशंकर शर्मा ने ही दिलवायी, भ्रष्टाचार भगाया, चरित्र का
पाठ भ्रष्टाचारियों को पढ़ाया ।सन् 1997-98
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सन् 2012-13 प्रमोशन स्केल I स्केल II हरिशंकर शर्मा को कार्य क्षमता में AVERAGE अंक देकर प्रमोशन से बाहर कर दिया जबकि सन् 1986 का स्केल I प्रबन्धक है ।
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सन् 2013- सर्वोच्य न्यायालय नई दिल्ली
में ट्रान्सफर मामले में आर्यवर्त ग्रामीण बैंक स्थानांतरण नीति पर चुप हो गयी,
बाद मेम स्थानांतरण निति बनायी, भ्रष्टाचारी हावी रहा उच्च न्यायालय इलाहाबाद का फैसला कि हरीशंकर शर्मा का स्थानांतरण
आगरा मे होगा, पलट गया भ्रष्टाचारी जीत गये ईमानदारी हार गयी सर्वोच्य न्यायालय
वर्ष 2013 सितम्बर नई दिल्ली ।
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सन् 2018 – सर्वोच्य न्यायालय नई दिल्ली
भारत का पत्रांक Dy. No. 584/ N RTI/ 17-18/SCI DATED – फरवरी 07 2018 मिला है। जिसमें न्यूनतम गुजारा भत्ता हरीशंकर शर्मा को
कितना मिलना चाहिये आर्यवर्त ग्रामीण बैंक ने 31 दिसम्बर 2017 को मात्र ₹700/-
वेतन जारी किया पूरा वेतन करीब ₹ 80000/- काट लिया । 31 जनवरी 2018 को मात्र ₹
1100 वेतन जारी किया पूरा वेतन करीब ₹ 80,000 मनमानी काट लिया । जुलाई 2013, अगस्त
2013, सितम्बर 2013 का वेतन आर्यवर्त ग्रामीण बैंक ने जारी किया और
बन्दर बाँट ,करके एक रुपया भी हरीशंकर शर्मा को नही दिया जबकि स्थानांतरण मामला
सर्वोच्य न्यायालय में चल रहा था।
यह मामले सर्वोच्य न्यायालय के संज्ञान में लाया गया है।
MAC 891/99 में ADJ 14 Sh गिरीश मोहन मित्तल जज साहब AGRA दिनांक 05-08-1997
की जीप दुर्घटना में मृतकों को मुआवजा युनाइटेड बीमा कम्पनी से दिलवा रहे है, हरीशंकर
शर्मा को जीप मालिक व जीप ड्राईवर से दिलवा रहे है । जबकी जीप एक ही है, जिसका
बीमा भी है,
Å
टूटी पसली + गले की हड्डी जिसका X- Ray नहीं है, मात्र डाक्टरी उपचार पर मुआवजा हरीशंकर शर्मा को दे रहे है ।
Å
लेकिन टूटा कूल्हा जिसके 4 X- Ray डाक्टरी उपचार दवा खर्च पूरा-पूरा
भुगतान कर रहै है पर टूटा कूल्हा नहीं मान रहे है ।
Å
9 माह उपचार LOSS OF PAY का भुगतान नही दे रहे है ।
न्याय में भ्रष्टाचार का इससे बडा साक्ष्य हरीशंकर शर्मा
स्वयं आपके सामने है । क्या ईमानदारी की जीत होगी या भ्रष्टाचारी हावी रहेंगे,
इन्तजार है ।
Å
भविष्य निधि खाता संख्या 13726/ 94
हरीशंकर शर्मा आगरा संजय प्लेस में सन् 2013 से बिना ब्याज बन्द पड़ा है। आर्यवर्त
ग्रामीण बैंक ने लखनऊ में नया खाता PF खोल दिया है लेकिन
₹5,50,000/- आगरा का PF खाता समायोजित नहीं किया है। साक्षात
भ्रष्टाचार का प्रमाण सामने है। ईमानदारी की सजा बराबर दी जा रही है ।
मंच संयोजक को ईमानदारों का पूरा समर्थन
है , भ्रष्टाचारियो को दण्ड जरुर मिलेगा ।
ग्रामीण जगत से भ्रष्टाचार भगाने के
सुझाव :-
Å
कृषि योग्य भूमि का 30% भाग सरकारी करण
किया जाय ताकि प्रति एकड़ उपज पर लाभ हानि की सही जानकारी सामने आये और बेरोजगारी
दूर हो।
Å
खाली उपजाऊ भूमि का आवंटन बेरोजगारों को
दिया जाय ताकि फल, सब्जी,फूल पैदावरी की जा सके ।
Å
स्वच्छ पीने का पानी गाँव-दर गाँव
उपलब्ध कराया जाय ।
Å
5 एकड़ कृषि भूमि धारक किसानों से आयकर रिर्टन
जरुर लिया जाय ।
Å
RCC के भवन मालिक किसान, आलू भंडारण व्यापारी,
किसान, सम्बर सीवल पानी रखने वाले किसान, डेरी मालिक किसान, स्कूल मालिक किसान,
बाजार के स्वामी किसान, सूदखोर किसानों को सरकारी ऋण माफी से दूर रखा जाय ।
Å
समान्य बाद और क्रिमिनल केशों का निबटारा
केवल तहसील स्तर तक ही विषेष चल अदालत लगाकर फैसला दिया जाय, ताकि ग्रामीण समाज
सहज न्याय पा सके।
Å
तहसील स्तर पर ग्रामीण समाज का पोस्ट
मार्टम किया जाय, उच्च सरकारी डाक्टरी मशीनरी की स्थापना की जाय।
Å
रेल बजट की तरह ग्रामीण बजट तैयार किया
जाय, कर प्रणाली भी लागू की जाय, RTO सम्बन्धी कार्य भी
तहसील स्तर पर निबटाये जाय ।
Å
बृहत डेरी योजना करीब 100 भैंस पालन,
बाड़ा, चारा, चिकित्सा दुग्ध विक्रय केन्द्र कम ब्याज लम्बी भुगतान अवधि लागू की
जाय ।
Å
ग्रामीण बाजार का लिंक विश्व बाजार से
किया जाय, भारत का दुध, घी, पनीर, छाछ, मावा, अन्य पदार्थ व डेनमार्क का दुध, घी,
पनीर, छाछ, मावा की कीमत और गुडवत्ता की स्वतंत्रता खोली जाय।
Å
फल, सब्जी, चीनी, अचार, जूस का बाजार
भारत का ग्रामीण समाज को वरीयता के रुप में सस्ते कर्ज, ब्याज, लम्बी, अवधि भुगतान
पर दिया जाय।
Å
सिचाई, खाद,बीज को प्रापर रखा जाए, कम
कीमत सस्ता बाजार भाव सुनिश्चित करें ताकि विश्व बाजार में भारतीय उत्पाद स्थान पा
सके।
Å
तकनीकी शिक्षा की वरीयता ग्रामीण समाज
में रखी जाय।
Å
नारी शिक्षा और रोजगार में ग्रामीण समाज
प्रथम स्थान पर रखा जाय ।
Å
ग्रामीण बैंकों के कार्मिको व अधिकारियों
को पेन्शन मामले पर सर्वोच्य न्यायालय भारत ईमानदारी का परिचय दें निर्णय शीघ्र
जारी करें।
Å
केन्द्र सरकार + राज्य सरकारों के वेतन
मान की तरह ग्रामीण बैंकर्स को समान व अच्छा वेतन मान जारी करना ही ईमानदारी है।
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प्रवर्तक बैकों के भ्रष्टाचार के कारण NPA की समस्या पैदा की गयी है, ग्रामीण बैंको का चेयरमेन व महाप्रबन्धक
नाबार्ड अधिकारी ही बनाये जाय।
Å
BOARD OF DIRECTORS निर्णय करें कि सत्तारुढ़
पार्टी के प्रतिनिधियों के दबाब में किसी भी प्रकार का ऋण वितरण नहीं होगा।
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स्टाफ भवन ऋण की ब्याज साधारण होती है
जैसा RBI का निर्देश है, उल्लंघन करने वालों को
कड़ी सजा दी जाय।
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ग्रामीण बैंकों में 20 वर्ष स्केल I पूरा करने वाले अधिकारी स्केल II का वेतन मान पाने के
अधिकारी हो, वेतन स्थरीकरण महा भ्रष्टाचार है, प्रमोशन नहीं तो भी स्केल II
दें।
Å
BC- ग्राहक सेवक भ्रष्टाचार बढ़ा रहे है कोई
भी नियंत्रण सेल नही बनाया है।
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मानवाधिकार आयोग ध्यान रखे कि अति काम बोझ
के कारण ग्रामीण बैंक कर्मी + अधिकारी बीमार पड़ जाते है, पर्याप्त भर्ती की
अति-आवश्यकता है।
Å
प्रति 2000 ग्राहको पर एक ग्रामीण बैंक
की शाखा का लक्ष्य पूरा किया जाय।
Å
मृतक ग्रामीण बैंक कार्मिको, अधिकारियों
के परिवार को 58 वर्ष तक नोकरी दी जाय, 55 वर्ष की सीमा 58 वर्ष की जाय।
Å
आयुसीमा 58 वर्ष बाद कार्मिक व अधिकारी
चाहे तो रिटायरमेंण्ट पूरी मजदूरी + पेन्शन पर ले सकता है नियम लागू करे।
Å
ग्रामीण समाज का उत्थान सचमुच ग्रामीण
बैंकर्स ने ही किया है, भारत सरकार सोचे।
Å
शिक्षा ऋण स्टाफ पर साधारण ब्याज लगाना
ही ईमानदारी है, भुगतान अवधि 20 वर्ष तक बढ़ायी जाय।
Å
पुरानी कम्पयूटर मशीन तत्काल बदली जाय।
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GST + नोटबन्दी के बाद बैंकिग कारोबार सिमट
गया है, सरकार सावधान रहे।
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लाभदायकता कम होने का कारण NPA ऋण माफी और जन-धन योजना, ATM वितरण व सरकारी की
अधूरी सोच मानी जा रही है।
सधन्यवाद !
जय भारत
माँ
भवदीय
हरीशंकर शर्मा
GBSEPM मंच सयोजक
Monday, 5 February 2018
Friday, 2 February 2018
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